Codeine Controversy: SIT Report में माफिया नेटवर्क बेनकाब

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

उत्तर प्रदेश में Codeine युक्त कफ सिरप अब सिर्फ हेल्थ नहीं, बल्कि Political Issue बन चुका है। विपक्ष लगातार Yogi Government पर हमलावर है, वहीं सरकार का साफ दावा है कि UP में अब तक कोडीन कफ सिरप से किसी की मौत नहीं हुई है।

सरकार का आरोप है कि कुछ राज्यों में जहरीले कफ सिरप की घटनाओं के बाद यूपी को लेकर भ्रम और डर का माहौल बनाया जा रहा है।

CM Yogi की SIT और चौंकाने वाले खुलासे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित Special Investigation Team (SIT) की रिपोर्ट ने तस्वीर साफ कर दी है।
जांच में सामने आया कि— माफिया गैंग्स फर्जी दस्तावेजों के सहारे। भारी मात्रा में कफ सिरप इकट्ठा करते थे। और उसे नशे के उद्देश्य से बिना प्रिस्क्रिप्शन खुले बाजार में डाइवर्ट कर देते थे।

इस पूरे खेल में Super Stockist से लेकर Wholesaler और Retailer तक की भूमिका उजागर हुई है।

Inter-State Drug Nexus भी आया सामने

SIT की जांच में यह भी सामने आया कि यह नेटवर्क सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं, बल्कि अंतर्राज्यीय स्तर पर सक्रिय था।

इसी Nexus को तोड़ने के लिए— एक साथ कई जिलों में छापेमारी। NDPS Act के तहत FIRs अवैध स्टॉक जब्त। गोदाम सील और दवा सप्लाई चेन की गहन जांच शुरू की गई।

Schedule-H Drugs पर भी सख्ती

योगी सरकार ने साफ किया है कि कार्रवाई सिर्फ कफ सिरप तक सीमित नहीं है। Sedatives और Sleeping Pills जैसी Schedule-H दवाओं की बिना डॉक्टर की पर्ची बिक्री पर भी लगातार अभियान चलाया जा रहा है।

Government Stand: दवा वैध है, दुरुपयोग अपराध

राज्य सरकार का दो-टूक संदेश है— Codeine cough syrup एक वैध दवा है।  लेकिन उसका दुरुपयोग और अवैध बिक्री अपराध है। 

सरकार का यह भी दावा है कि— न यूपी में इसका उत्पादन होता है न ही इससे किसी की मौत की पुष्टि हुई है।

इसके बावजूद, संगठित नशा कारोबार के खिलाफ अब तक की सबसे कठोर और समन्वित कार्रवाई की जा रही है।

UP में बहस कफ सिरप पर है, लेकिन असली लड़ाई दवा बनाम दुरुपयोग की है। सरकार कह रही है— “बीमारी की दवा अपराध नहीं,

लेकिन उसे नशा बनाना माफ नहीं।”

India-New Zealand FTA से Export, Jobs और Students की Jackpot

Related posts

Leave a Comment